अंडकोष में होने वाली दर्द को समझे?
अंडकोष, या टेस्टीस, पुरुष जननांग एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह दो छोटे गोल आकार के अंग होते हैं जो स्क्रोटम में स्थित होते हैं, जो पुरुषों के लिए एक खास किस्म का कपड़ा होता है जो उनके जननांग को संरक्षित रखता है। इसकी आकर और लंबाई हर मनुष्य में अलग अलग हो सकता है। लेकिन रिसर्च से पता चलता है की लगभग 1.5 से 2 इंच इसकी लंबाई और लगभग 1 इंच से 2.5 सेंटीमीटर चौड़ाई होते हैं।
इसके अलावा, अंडकोशों का आकार और स्थिति आमतौर पर पुरुषों की स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। और किसी भी संकेत के साथ संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगाने में मदद कर सकता है।
अंडकोष गर्मी का नियंत्रण करते हैं ताकि शुक्राणु को सही तापमान पर रखा जा सके जो उनके सही विकास और क्रियान्वयन के लिए महत्वपूर्ण होता है।
किशोरावस्था के दौरान इसकी आकार में विकास और शरीर में टेस्टोस्टरोन और हार्मोनो की वृद्धि होती है। अंडकोष का मुख्य कार्य शुक्राणु को उत्पत्ति करना होता हैं, जो टेस्टिस से निकाल कर  वीर्य के रूप में बनते हैं। और उत्तेजित होने पर गर्भाशय की ओर यात्रा करते हैं। ये उत्तेजित होने पर वीर्य को शुक्राणु के माध्यम से गर्भाशय में ले जाते हैं जहां यह गर्भाशय द्वारा गर्भ धारण करने के लिए उपयुक्त अवस्था में पहुंचता है।
अंडकोष में होने वाली दर्द को समझे?

अंडकोष में होने वाली दर्द:

अंडकोष में दर्द होने पर पुरुषों को और क्या-क्या परेशानियां होती है ?

अंडकोष में दर्द के अलावा मरीज को अन्य तकलीफों का सामना भी करना पड़ता है जैसे की_
  • अंडकोष की थैली में सूजन
  • उल्टी और जी-मीचलाना
  • कुछ लोगों मे बुखार आना
  • कमर के निचले हिस्से में दर्द होना
  • सेक्स के दौरान दर्द होना
  • वीर्यपात के दौरान दर्द होना
  • अंडकोष संवेदनशील हो जाना

अंडकोष में दर्द होने के क्या कारण हो सकते हैं ?

अंडकोष में दर्द कई कारणों से हो सकता है और यह जानना महत्वपूर्ण है कि यह कारण क्या हो सकता है और यदि आवश्यक हो तो उचित चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। यहां कुछ सामान्य कारण बताए गए हैं जिससे अंडकोष में दर्द हो सकता है।
  • चोट के कारण:- अंडकोषो पर सीधी चोट या चोट लगने से दर्द हो सकता है यह खेल दुर्घटना या अन्य शारीरिक गतिविधियों के दौरान हो सकता है।
  • संक्रमण:- अंडकोष या इसके आसपास के संरचनाओं में संक्रमण या एपिडीडिमिस की नलिका जो अंडकोष के पीछे स्थित होती है, जो इसमें सूजन और संक्रमण के वजह से हो सकता है। एपिडीडिमिस आमतौर पर यह यौन संचारित संक्रमण [STD- Sexual Transaction Disease] या मूत्र पथ के संक्रमण [UTI -Urinary Tract Infection ] के कारण होता है।
  • अंडकोष का उलटना (Torsion):- यह एक आपातकालीन स्थिति है जिसमें स्पर्माटिक  कोड घूम जाता है जिससे अंडकोष में रक्त की आपूर्ति कट जाती है, जिससे अचानक और गंभीर दर्द होता है और तुरंत चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है।
  • हर्निया:- इंगुइनल हर्निया कभी-कभी अंडकोष या योनीपेशी में दर्द का कारण बन सकती है
  • किडनी की पथरी:- कभी-कभी किडनी की पथरी से अंडकोषों में दर्द महसूस हो सकता है।
  • हाइड्रोसील:- अंडकोष के चारों ओर तरलता का बढ़ जना और सहजता या दर्द का कारण बन सकता है। हाइड्रोसील एक ऐसी समस्या है जिसमें अंडकोष में पानी भर जाता है। और हाइड्रोसील की आकार बढ़ने लगता है। यह एक बीमारी हो सकता है और इसके वजह से पुरुषों की अंडकोष बहुत ज्यादा बड़ा होने लगता है दिन प्रतिदिन। जिसके वजह से हाइड्रोसील में बहुत ज्यादा दर्द बढ़ जाता है।

अंडकोष में दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपाय।

अंडकोष में दर्द से राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपाय मददगार हो सकते हैं लेकिन यदि दर्द गंभीर है या लंबे समय तक बना रहता है तो इसमें चिकित्सा सलाह लेना बहुत जरूरी होता है। यहां कुछ घरेलू उपाय हैं, जो आपके अंडकोष के दर्द को कम करने में सहायक हो सकता है।
अदरक और शहर का सेवन:- अदरक और शहद मिलाकर सेवन करने से भी अंडकोष की सूजन और दर्द में राहत मिल सकती हैं। क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक के गुण होते हैं।
आराम और ठंडे पानी का सेवन:- अंडकोष में दर्द के समय ठंडा पानी या बर्फ को कपड़े में लपेटकर या बर्फ पैड से दिन में 10 से 15 बार सिकाई करने से आपके दर्द में आराम मिल सकता है।
गर्म पानी का स्नान:- अंडकोषों पर गर्म पानी का स्नान करने से दर्द मे राहत मिल सकती है।
जीरा और अजवाइन:- जीरा और अजवाइन के बराबर मात्रा में ले दोनों चीजों को अच्छी तरह से पीस ले और थोड़ा गर्म पानी मिले इसके लेप को अपने अंडकोष के आसपास लगे इससे अंडकोष में होने वाली सूजन को दर्द से शहर पाया जा सकता है।
चूल्हे की राख:- हल्का गरम गोइठा या उपले की राख को पाउडर बनाकर हल्के हाथों से अपने एडको स को ऊपर लगाने से दर्द में राहत मिल सकता है और इससे आपके अंडकोष के आकार में भी परिवर्तन हो सकता है।

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