हाल ही में अर्ली कैंसर डिक्टेशन हेतु संयुक्त राज्य अमेरिका के शोधकर्ताओं ने कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer – CRC) ट्यूमर में फ्युसोबैक्टेरियम न्यूक्लियेटम के एक नए उप-प्रकार की खोज की है।
अर्ली कैंसर डिक्टेशन
प्रमुख बिंदु
- यह खोज संभावित रूप से प्रारंभिक चरण में कैंसर की पहचान और लक्षण उपचार सुनिश्चित करती है।
- इसके अलावा भारत में नीति आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में अगली कैंसर डिटेक्शन से संबंधित मुद्दों पर प्रकाश डाला है, जिसे सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है।
- कर के भारत में कैंसर का सातवां सबसे आम प्रकार है जहां वर्ष 2004 से 2014 तक इसके कुल मामलो में 20% तक वृद्धि हुई है।
कोलोरेक्टल कैंसर CRC
वैश्विक भार: कोलोरेक्टल कैंसर, जिससे कोलन कैंसर रेक्टल कैंसर या आँंत के कैंसर के रूप में भी जाना जाता है एक समान प्रकार का कैंसर है जो कोलन या मलाशय को प्रभावित करता है।
- कोलोरेक्टल कैंसर विश्व भर में होने वाला तीसरा आम कैंसर है जो सभी प्रकार के कैंसर के लगभग 10% मामलों के लिए जिम्मेदार है।
- यह वैश्विक स्तर पर कैंसर से होने वाली मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण वर्ष 2040 तक कोलोरेक्टल कैंसर के कुल नऐ मामलों मे 63% और मृत्यु में 73% तक जिम्मेदारी बढ़ने का अनुमान है।
जोखिम के कारक और रोकथाम:
इसके जोखिम कारकों में पारिवारिक इतिहास, कोलोरेक्टल कैंसर और निम्न स्तरीय आहार, शारीरिक गतिविधि की कमी, मोटापा, धूम्रपान तथा अत्यधिक शराब का सेवन आदि शामिल है।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और नियमित जांच से कोलोरेक्टल कैंसर को नियंत्रित करने में सहायता मील सकती है।
लक्षण: कोलोरेक्टल कैंसर के प्रारंभिक चरण मे अक्सर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, जिसके लिए नियमित जॉच आवाश्यक है।
- सामान्य लक्षणों में आँंत की प्रकृति में बदलाव, मलाशय से रक्त स्राव पेट में दर्द और एनीमिया शामिल है।
उपचार: इसके विकल्पों में सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, लक्षित थेरपी और इम्यून थेरपी शामिल है।
कोलोरेक्टल कैंसर के संबंध में अध्यन की मुख्य विशेषताएं:
- शोधकर्ताओं ने 130 मानव CRC ट्यूमर
- फ्युसोबैक्टेरियम न्यूक्लियेटम बैक्टीरिया (Fusobacterium Nucleatum Bacteria) को अलग किया और उसकी अनुवांशिक संरचना का मानचित्रण किया।
- उन्होंने पाया की उप-प्रजाति फ्युसोबैक्टेरियम न्यूक्लियेटम बैक्टीरिया एनीमेलिश (Fusobacterium Nucleatum Animals FNA) CRC ट्यूमर से महत्त्वपूर्ण रूप से जुड़ी हुई थी।
- FNA दो अलग-अलग विकाशवादी जेनेटिक्स समूहों से बना होता है, जिन्हे FNA C1 FNA C2 नाम दिया गया है।
- FNA C2 क्लैड CRC ट्यूमर के साथ जुड़ा होता है, और इसमें अतिरिक्त अनुवांशिक कारक होते है, जो कैंसर के बीच के सम्बन्ध को बढ़ा देता है।
- शारीरिक रूप से FNA C2 बैक्टीरिया FNA C1 की तुलना में लंबे और पतले होते है जो प्रतिरक्षा तंत्र को विकसित करने तथा उतको के निर्माण में सहायता कर सकते है।
- अनुवांशिक रूप से FNA C2 मे ऐसे जीन होते है, जो इसे मानव आंत में मौजूद एथेनालमाईन और 1-2 प्रोपेनेडियोल जैसे योगिको को चायपचाय करने के अनुमति देते है।
- FNA C2 अधिक अम्लीय इस्थितियो में जीवित रह सकता है, जिससे यह मुंह से आंत तक फैल सकता है।। को बैक्टीरिया के लिए असामान्य है।
- यह पूर्व धारणा को चुनौती देता है की फ्यूसोबैकटेरियल केवल रक्तप्रवाह संक्रमण के माध्यम से आंख तक पहुंचता है।
- निष्कर्ष से शीघ्र CRC नैदानिक परीक्षण हो सकते हैं। FNA C2 विशेषताओं से लक्षण उपचार विकसित किया जा सकते हैं।
- अन्य आंत के बैक्टीरिया को प्रभावित किए बिना FNA C2 को चुनिंदा रूप से लक्षण करना एक महत्वपूर्ण चुनौती है।
अर्ली कैंसर डिटेक्शन टेक्निक:
स्क्रीनिंग: इसका तत्यपर्य किसी भी लक्षण के प्रकट होने से पूर्व कैंसर से पीड़ित रोगियों की पहचान करने के लिए स्वस्थ व्यक्तियों का परीक्षण करना है।
- उदाहरण: स्तन कैंसर के लिए मैमोग्राफी या क्लीनिकल स्तन परीक्षण।
- स्क्रीनिंग केवल कैंसर के एक उपसमूह (सर्वाइकल, स्तन, कोलोरेक्टल) के लिए प्रासंगिक है तथा स्परसोन्मुख (Asymptomatic) ब्यक्तिओ को लक्षित करती है।
प्रारंभिक निदान: प्रारंभिक निदान कार्यक्रम यथाशीघ्र लक्षणयुक्त रोगियों का पता लगाने पर ध्यान केंद्रित करतें हैं।
- इसमें स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं वा आम जनता के बीच कैंसर के प्राथमिक लक्षणों कैबरे में जागरूकता बढ़ाना, निदान और उपचार सेवाओं की पहुँच, समर्थ एवं गुणवत्ता में सुधार करना महत्वपूर्ण।
- प्रारंभिक निदान सभी प्रकार के कैंसर के लिए प्रासंगिक है और उन रोगियों पर केंद्रित है जिनमें कैंसर के लक्षण दिखाई देते हैं।
चुनौतियां एवं सीमाएं: स्क्रीनिंग के अवांछित परिणाम में फॉल्स पॉजिटिवFalse-Positive फॉल्स नेगेटिव Falseआश्वासन और उच्च निदान एवं उच्च उपचार शामिल है।
- उच्च हानि/लाभ अनुपात के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization WHO) प्रोस्टेट कैंसर के लिए प्रोस्टेट-विशिष्ट (Prostate- Specific- Antigen PSA) एंटीजन जांच और 50 से कम उम्र के महिलाओं के लिए मैमोग्राफी जाँच की सलाह नहीं देता है।
कैंसर से संबंधित भारत की पहल:
- कैंसर मधुमेह हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम
- नेशनल कैंसर ग्रीड
- राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस
- HPV टीकाकरण
- आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (AB-HWCs)